Dhanteras Puja: हर वर्ष की भातीं इस वर्ष भी धनतेरस का पर्व इस साल भी कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी को मनाया जाता हैं I यह पर्व दिवाली के पूर्व दो दिन पहले ही मनाया जाता हैं I धनतेरस मनाने के पीछे कई कहानियां जुड़ी हुई है तो आइए उन कहानियों को जानते हैं जिसके कारण धनतेरस का पर्व मनाया जाता है I
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भगवान धन्वंतरि का हुआ था जन्म
शास्त्रों में मान्यता के आधार पर जब समुंद्र मंथन हुआ तो कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान धन्वंतरि अपने हाथो में अमृत कलश को हाथ में लेते हुए सबके सामने प्रकट हुए थे. शास्त्रों के अनुसार भगवान धन्वंतरि को विष्णु भगवान का अंशावतार माना जाता है . भगवान विष्णु ने चिकित्सा विज्ञान को ही आगे बढ़ाने के लिए भगवान धन्वंतरि के रूप में अवतार लिए थे इसी लिए धनतेरस को स्वस्थ और समृद्धि के लिए मनाया जाता है । यही कारण है कि इस दिन हर वर्ष को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है ।
श्री हरि विष्णु के वामन अवतार से भी है संबंध
एक और दूसरी पौराणिक कथा के अनुसार राजा बलि से सभी देवता परेशान हो गए थे तभी भगवान कृष्ण ने इन देवताओं को बचाने के लिए वामन के रूप में अवतार हुए और राजा बलि के पूजा स्थल में पहुंच गए . पूजा स्थल में पहुंचते ही शुक्राचार्य वामन को देखते ही पहचान गए की यह तो भगवान कृष्ण है और जरूर कोई न कोई राजा बलि का नुकसान करने वाले हैं यह जानकर शुक्राचार्य ने राजा बलि को पहले ही समझा दिया था की वामन जो कुछ भी दान मांगे माना कर देना लेकिन राजा बलि ने शुक्राचार्य जी के बातों को ध्यान नहीं दिए और वामन द्वारा मांगे गए वचन को मान लिए
और उसे पूरा करने का निर्णय ले लिए वचन को पूरा करने के लिए राजा बलि कमंडल में पानी भरने के लिए आगे बढ़े तो सुक्राचार्य ने राजा बलि को बचाने के लिए उनके कमंडल में अपना छोटा रूप बनाकर घुस गए I तब भगवान वामन ने अपने हाथ में पकड़े कुशा को कमंडल में ऐसे रखे की सुक्राचार्य जी का एक आंख फूट गया तब सुक्राचार्य तरफराते हुए कमंडल से बाहर निकल गएराजा बलि ने दिए हुए वचन के अनुसार तीन पग भूमि दान कर दिए I
तब भगवान वामन ने एक पैर से पूरा जमीन को ही नाप लिए और अपने दूसरे पग से पूरा अंतरिक्ष को नाप लिए और तीसरा पग रखने के लिए उनके पास कोई जगह ही नहीं बचा तब राजा बलि ने अपने सर को भगवान वामन के सामने रख दिए और बोले की तीसरा पग मेरे सर पर रख दीजिए
इस प्रकार राजा बलि ने अपना सबकुछ दान में गावा दिए । तब जाकर भगवान वामन ने इस प्रकार से देवताओं को राजा बलि के अत्याचार से मुक्ति दिलवाए और अन्य प्रजाओ को भी उनका जमीन या संपति उन्हें वापस करवाए । इस कारण भी धनतेरस का पर्व मनाया जाता है ।
धनतेरस के दिन क्या करे?
धनतेरस के दिन अपने सामर्थ्य के अनुसार किसी भी प्रकार का धातु, चांदी या बर्तन खरीदना चाहिए I इसके आलावा आप सभी कुबेर देवता को खुश करने के लिए अपने घर या पूजा स्थल में दीप जलाए एवम यमराज देवता के लिए भी अपने घर के मुख्य द्वार पर दीप जलाना अति शुभ माना जाता हैI
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Er Chhotelal Uraow
Admin/Chief editor: Informationguide.in